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ज्येष्ठाङ्गबाहुहृत्कण्ठकटिपादनिवासिनीम् ॥७॥

The Navratri Puja, As an illustration, requires creating a sacred space and executing rituals that honor the divine feminine, with a deal with meticulousness and devotion that is definitely thought to bring blessings and prosperity.

हस्ते पङ्केरुहाभे सरससरसिजं बिभ्रती लोकमाता

हर्त्री स्वेनैव धाम्ना पुनरपि विलये कालरूपं दधाना

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥४॥

ह्रीं‍मन्त्राराध्यदेवीं श्रुतिशतशिखरैर्मृग्यमाणां मृगाक्षीम् ।

कैलाश पर्वत पर नाना रत्नों से शोभित कल्पवृक्ष के नीचे पुष्पों से शोभित, मुनि, गन्धर्व इत्यादि से सेवित, मणियों से मण्डित के मध्य सुखासन में बैठे जगदगुरु भगवान शिव जो चन्द्रमा के अर्ध भाग को शेखर के रूप में धारण किये, हाथ में त्रिशूल और डमरू लिये वृषभ वाहन, जटाधारी, कण्ठ में वासुकी नाथ को लपेटे हुए, शरीर में विभूति लगाये हुए देव नीलकण्ठ त्रिलोचन गजचर्म पहने हुए, शुद्ध स्फटिक के समान, हजारों सूर्यों के समान, गिरजा के अर्द्धांग भूषण, संसार get more info के कारण विश्वरूपी शिव को अपने पूर्ण भक्ति भाव से साष्टांग प्रणाम करते हुए उनके पुत्र मयूर वाहन कार्तिकेय ने पूछा —

सेव्यं गुप्त-तराभिरष्ट-कमले सङ्क्षोभकाख्ये सदा ।

या देवी हंसरूपा भवभयहरणं साधकानां विधत्ते

She is also referred to as Tripura because all her hymns and mantras have 3 clusters of letters. Bhagwan Shiv is considered to become her consort.

॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरी अपराध क्षमापण स्तोत्रं ॥

The philosophical Proportions of Tripura Sundari extend over and above her Bodily characteristics. She signifies the transformative electrical power of beauty, which could lead the devotee from your darkness of ignorance to the light of information and enlightenment.

कर्तुं देवि ! जगद्-विलास-विधिना सृष्टेन ते मायया

Chanting this mantra is considered to invoke the mixed energies and blessings with the goddesses linked to Each individual Bija mantra. It can be used for numerous applications such as attracting abundance, searching for understanding, invoking divine femininity, and fostering spiritual progress and transformation.

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